हरियाणा
बराड़ा गांव मे फोर्टीफाइड आटे का किया बहिष्कार
सत्यखबर,बराड़ा (अनिल कुमार )
हरियाणा सरकार द्वारा गेहू की जगह फोर्टीफाइड आटे देने की जो योजना अम्बाला के बराड़ा और नारायणगढ़ से शुरू की गई थी उसका आज ग्रामीणों ने बहिष्कार कर आटे को डिपू होल्डर को वापिस दिया वही ग्रामीणों ने आरोप लगाया की जब हमने इस आटे की रोटियां बनाई तो आटा रबड़ बन जाता है और आटे का रंग भी काला है जिसको खाकर हम ओर हमारे बच्चे बीमार हो गये है हम मजदूरी करने वाले हैं यदि हमारे परिवार से किसी को कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा गर्मिणो ने सरकार से मांग है कि हमे अगले महीने से से इस आटे की जगह गेंहू दी जाये बराड़ा के बराड़ा गांव मे आज फोर्टीफाइड आटा का बहिष्कार किया , औरतो ने आटे को डिपू होल्डर को वापिस दिया , औरतो ने बताया कि सरकार कह रही है ये आटा विटामिनों से भरपूर है ओर ये शरीर के पोषक तत्व को पूरा करता है और इसमें आयोडीन की भरपूर मात्रा है जब हमने इस आटे की रोटियां बनाई तो आटा रबड़ बन जाता है और आटे का रंग काला भी है जिसको खाकर हम ओर हमारे बच्चे बीमार हो गये है हम मजदूरी करने वाले हैं यदि हमारे परिवार से किसी को कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार कौन है इस लिए हमारी सरकार से मांग है कि हमे अगले मंथ से इस आटे की जगह गेंहू दी जाये, फूड इंस्पेक्टर संदीप ने बताया की जो सरकार द्वारा फोर्टीफाइड आटे की प्रणाली चलाई गई है बराड़ा और नारायणगढ़ में यह एक अच्छा आटा है जो विटामिन नो से भरपूर हैइसमें आयोडीन की भरपूर मात्रा है और ये शरीर के पोषक तत्वों को पूरा करता है और जो कुपोषण के शिकार हैं उनके लीये ये बहुत फायदेमंद है , आज मेरे पास बराड़ा गांव की लगभग 40 औरते ने शिकायत की है कि हमे ये आटा नही लेना ये हमारे लिये ठीक नही है इसकी जाँच ले लीये भेज दिया जायेगा महिलाओ की हे जिन्हो ने बताया की जब हमने इस आटे की रोटियां बनाई तो आटा रबड़ बन जाता है और आटे का रंग काला भी है जिसको खाकर हम ओर हमारे बच्चे बीमार हो गये है हम मजदूरी करने वाले हैं यदि हमारे परिवार से किसी को कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार कौन है इस लिए हमारी सरकार से मांग है कि हमे अगले मंथ से इस आटे की जगह गेंहू दी जाये,